दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
मैंने माना कि नुकसान देह है ये सिगरेट...
जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,
You are able to read through in this article an incredible collection of zindagi shayari, existence shayari, most effective shayari on everyday living, life hindi whatsapp status and poetry about unhappy lifetime.
मंजिल की तलाश में खुद को shayari in hindi अकेले चलना होगा,
क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,
महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
अब तक सबने बाज़ी हारी इस दिल को रिझाने में,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
मैं जागता हूँ तेरा ख़्वाब देखने के लिए।
मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के सामने।